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लेखनी प्रतियोगिता -16-Sep-2022 जीवनसाथी का फैसला

 

    शीर्षक :- जीवनसाथी का फैसला
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             अर्नव के जीवन का आज का सबसे महत्व पूर्ण दिन था अब उसको अपना जीवन साथी चुनने का फैसला करना था। वह सुजाता को एकतरफा प्यार करता था परन्तु सुजाता ने उसको कभी भी प्यार नहीं किया था। सुजाता रमन को चाहती थी।

                         जबकि रमन किसी और लड़की को चाहता था। अर्नव ने कितनी बार सुजाता को अपने प्यार का इजहार करने की कोशिश की थी परन्तु हर बार  उसको बताते हुए रह जाता था। सुजाता को भी यह नहीं मालूम था कि अर्नव उसका दीवाना है क्यौकि अर्नव ने उससे कभी भी इस तरह का वर्ताव नही किया था। उसका प्यार पवित्र था।

        परन्तु अब अर्नव के मम्मी पापा उसकी शादी करना चाहते थे। एक लड़की के माता पिता ने  उसको पसन्द भी कर लिया था। अब केवल अर्नव को ही फैसला लेना था।

       अर्नव ने अपने व सुजाता के प्यार की बात कभी भी अपने मम्मी पापा को भी नही बताई थी। आज जब उसकी मम्मी ने उसको बताया कि कल हमें रश्मि को देखने जाना है तब अर्नव न तो उनको मना कर सका और न हाँ कर सका था।

       आज रात को अर्नव यही सोचता रहा अब उसे क्या करना चाहिए। एक बार उसने सोचा कि वह अभी सुजाता को फौन करके बता ता है कि उसे सुबह उससे मिलकर बहुत जरूरी बात करनी है। परन्तु जैसे ही  उसने फौन उठाया और उसकी उँगलियाँ काँपने लगी और फौन उसके हाथ से छूटकर बैड पर गिर गया।

         अर्नव इसी नर्वसता के कारण अपने प्यार का इजहार नही कर सका था। अर्नव को पूरी रात नींद नहीं आई और वह सुबह  जल्दी नहाकर तैयार होगया और भगवान  की मूर्ति के सामने खडे़ होकर मध ही मन भगवान से कहने लगा कि अब आप का ही सहारा है आप हघ मुझे सही रास्ता दिखाना अब यह मै आपके ऊपर छोड़ता हूँ।

        अर्नव अपनी मम्मी व पापा के साथ रश्मि को पसन्द करने एक होटल में पहुँच गये। रश्मि के परिवार वालौ ने रश्मि को एक होटल में दिखाने का इन्तजाम किया था।

        अर्नव व रश्मि को आपस मे बात करने के लिए अलग कमरें में  भेज दिया। अब अर्नव रश्मि को  देखकर इस सोच में पड़गया कि वह उसको किस तरह  मना खर सकता है और वह सोचने लगा।

      जब वह दोनौ बहुत देर तक  चुपचाप बैठे रहे तब रश्मि ही बोली," मिस्टर  आप चुप बैठे रहोगे कुछ बात करो  मुझसे कुछ पूछो हमें यहाँ चुप रहने के लिए नही भेजा गया है।"
 
           अर्नव हकलाता हुआ बोला ," आप ठीक कहरही हो मै क्या पूछू मैने आपका बायोडेटा में सब देख लिया है।"

       "आप मुझे पसंद है क्या आप मुझे पसंद करते हो?" रश्मि ने प्रश्न किया।

      रश्मि मेरी समस्या कुछ और है मै अपने साथ पढ़ने वाली सुजाता से एकतरफा प्यार करता हूँ मुझे नही मालूम कि वह मुझे चाहती अथवा नही़। मैने आजतक उसे कभी  अपने प्यार की बात बतायी भी नही।"

        "तुम बुद्धू हो अर्नव?  सुजाता यदि तुम्है प्यार करती होती तो वह आज तक आपको स्वयं ही बताचुकी होती।क्यौकि आजकल लड़किया इतनी तेज होती है कि वह पहली मुलाकात मे ही पहचान लेती है कि सामने वाले के दिल में क्या दौड़ रहा है। मै तुम्हारी शक्ल देखकर जान गयी थी कि तुम  मौनी बाबा हो।", इतना कहकर वह हसने लगी।

      अर्नव ने उसी समय अपने जीवन का फैसला रश्मि के ऊपर छोड़ दिया और बोला,"  मुझे आप  पसन्द हो और अब आप अपना फैसला बतादेना।  "

       रश्मि ने भी हाँ करदी और आज अर्नव व रश्मि के जीवन का महत्वपूर्ण फैसला होगया।

    आज की स्वैच्छिक दैनिक प्रतियोगिता हेतु रचना।

     नरेश शर्मा " पचौरी "
     
     16/09/2022

    


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5 Comments

Chetna swrnkar

11-Oct-2022 06:48 AM

Nice 👍

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Pratikhya Priyadarshini

16-Sep-2022 09:42 PM

Achha likha hai 💐

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Palak chopra

16-Sep-2022 04:15 PM

Achha likha hai 💐

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